रिसीवेबल फाइनेंसिंग क्या है?

बिजनेस में एक बिना लिखित कानून होता है की ‘उधारी तो देना ही पड़ेगा’। बिना उधार दिए आज के समय में बिजनेस चलाना जरा कठिन है। क्योंकि, मार्केट में बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं। ऐसे में जो बिजनेसमैन उधार नहीं देगा, उसके ग्राहक संख्या कम होने की संभवना बनी रहती है। जब ग्राहक कम हो जायेंगे तो स्वाभाविक है कि मुनाफा कम हो जायेगा। इस स्थिति में मार्केट में बने रहने के लिए चाहते हुए या बिना चाहते हुए उधारी देना अनिवार्य है। 

कई बार ऐसी भी स्थिति में आ जाती है कि वर्तमान वर्किंग कैपिटल से अधिक ‘उधारी’ हो जाती है। ऐसे में बिजनेस चलाने में कई तरह की फाइनेंशियल दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है। लेकिन, ऐसा नहीं है कि उधारी के चलते बिजनेस को ठप कर दिया जाए। तो ऐसी स्थिति का निराकरण कैसे हो सकता है? तो इसका उत्तर है- रिसीवेबल फाइनेंसिंग

रिसीवेबल फाइनेंसिंग के आलावा कारोबारियों के सामने बिजनेस लोन लेकर बिजनेस सतत तरीके से चलाने का विकल्प सबसे बेहतरीन होता है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि देश की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी ZipLoan से एमएसएमई कारोबारियों को 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन, बिना कुछ गिरवी रखे, सिर्फ 3 दिन* में मिलता है। 

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Ziploan व्यवसायों के लिए लोकप्रिय लोनदाता है।

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रिसीवेबल फाइनेंसिंग क्या है?

रिसीवेबल फाइनेंसिंग, उधारकर्ताओं से पैसे वापस नहीं मिलने पर धन जुटाने का कार्य करती है। मतलब जब कारोबारी के पास बहुत अधिक बकाया हो जाता है और बिजनेस की दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए धन की कमी हो जाती है तो उस वक्त रिसीवेबेल फाइनेंसिंग के सहारे जरूरी धन जुटाया जाता है।

रिसीवेबल फाइनेंसिंग के बारे में हम यह भी कह सकते हैं कि इससे बिज़नेस को यह पक्का करने में मदद मिलती है कि उधारी में हुई बिक्री के चलते बिजनेस संचालन के खर्चों जैसे कर्मचारियों का वेतन और दैनिक कामगारों की मजदूरी, दुकान और वाहन का किराया, बिजनेस की इन्वेंटरी आदि पर असर न पड़े। और बिजनेस चलाने के लिए जरूरत के मुताबिक धन का संतुलन बना रहे। 

बिजनेस लोन क्या है?

भारतीय अर्थव्यवस्था 80 के दशक तक बहुत सीमित लोगों के हाथों संचालित होती थी। मतलब जो पूंजीपति या बड़े उद्योगपति थे वही अर्थव्यवस्था में अहम योगदान करते थे। लेकिन, 80 के दशक के बाद से स्थिति में परिवर्तन होना शुरु हो गया। इसका प्रमुख कारण था कि अब छोटे और मझोले उद्योगों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाने लगा। आर्थिक प्रोत्साहन के चलते सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सशक्त होने लगे, अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करने लगे और सबसे खास बात यह थी कि छोटे और मझोले उद्योग सीमित संसाधन में बेहतर प्रोडक्ट और सर्विस मुहैया कराने लगे। जिसका सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि एमएसएमई देश की जरूरत बन गये और देश की अर्थव्यवस्था में अहम भागीदारी निभाने लगे।

एमएसएमई के संबंध में जितना यह सत्य है कि यह देश के अर्थव्यवस्था में अहम योगदान निभाते हैं, इसी के साथ यह भी सत्य है कि एमएसएमई के सम्मुख कई तरह की चुनौतियां सुरसा की भांति मुंह बाए खड़ी रहती हैं। एमएसएमई के सम्मुख पर्याप्त धन की कमी की समस्या हर वक्त बनी रहती है। इसी कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार की पहल पर अन्य लोन (ऋण) की तर्ज पर बिजनेस लोन (व्यवसायिक ऋण) शुरु किया गया है। बिजनेस लोन का उद्देश्य वर्तमान में चल रहे कारोबार को सतत गति से चलाना और बिजनेस का विस्तार करने के लिए उपयुक्त की धन की आवश्यकता को पूरा करना है। आज की तारीख में सभी सरकारी – प्राइवेट बैंकों के साथ नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) से बिजनेस प्रदान किया जाता है।

टैक्स में छूट मिलती है: अगर कोई व्यक्ति पर्सनल लोन लेकर बिजनेस में लगाता है और बिजनेस का विस्तार व्यक्तिगत ऋण लेकर करता है तो उसे टैक्स में छूट नहीं मिलती है। लेकिन कारोबारी कारोबारी अगर बिजनेस लोन लेकर बिजनेस का विस्तार करता है तो उस व्यक्ति को टैक्स में छूट यानी टैक्स बेनिफिट्स प्राप्त होगा।

ZipLoan से प्राप्त करिये 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन

देश की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) ZipLoan का प्रयास है कि देश में स्थापित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सतत गति से चलते रहे। छोटे एवं मध्यम कारोबारियों को धन के आभाव में बिजनेस बंद करना पड़े या बिजनेस का विस्तार करने का सपना न छोड़ना पड़े। इसीलिए, ZipLoan की तरफ से एमएसएमई कारोबारियों को 7.5 लाख रुपये तक का बिजनेस लोन प्रदान किया जाता है। 

ZipLoan से मिलने वाले बिजनेस लोन की खास बात यह है कि बिजनेस लोन सिर्फ 3 दिन* में, बिना कुछ गिरवी रखे और 6 महीने बाद प्री पेमेंट चार्जेस फ्री प्रदान किया जाता है। ZipLoan से बिजनेस लोन प्राप्त करने की निम्न पात्रता है।

  • बिजनेस का सालना 5 लाख से अधिक होना चाहिए।
  • बिजनेस 2 साल से अधिक पुराना होना चाहिए।
  • बिजनेस के लिए आईटीआर फाइल होना चाहिए। आईटीआर डेढ़ लाख रुपये से अधिक की होना चाहिए।
  • बिजनेस की जगह या घर की जगह में से कोई एक खुद के नाम पर हो। (यह माता – पिता, भाई – बहन, पति – पत्नी, पुत्र – पुत्री के नाम पर हो तो भी मान्य किया जाता है।)

 

ZipLoan से बिजनेस लोन के लिए जरूरी कागजत

  • बिजनेस का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
  • 9 महीने का बैंक स्टेटमेंट
  • फाइल की गई आईटीआर की कॉपी
  • घर या बिजनेस की जगह में से किसी एक का मालिकाना हक का प्रूफ। (यह माता – पिता, भाई – बहन, पति – पत्नी, पुत्र – पुत्री इत्यादि में से किसी के नाम पर हो तो भी मान्य किया जाता है।)

बुनियादी समस्याओं का हल

राम यादव

मैं बारह वर्षों से अपना कारोबार चला रहा हूं लेकिन अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए सक्षम नहीं था। मैंने Ziploan में आवेदन किया और उन्होंने मेरे लोन आवेदन को बहुत ही कम समय में मंजूरी दे दी।

कंचन लता

मैंने अपने कारोबार की ज़रूरतों के लिए ZipLoan से संपर्क किया। कंपनी से लोन पाने की शर्तें पूरा करना आसान था। उन्हें सिर्फ 1 साल का ITR और बिजनेस का सालाना टर्नओवर 10 लाख तक की जरूरत थी।

क्या आप भी ZipLoan के मदद से अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए तैयार हैं?